एक समतल विधुत-चुम्बकीय तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न है,
$\overrightarrow{ E }= E _{0} \hat{ i } \cos ( kz ) \cos (\omega t )$
तब संगत चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ होगा :
$\vec B = \frac{{{E_0}}}{C}\hat j\,\sin \,\left( {kz} \right)\,\cos \,\left( {\omega t} \right)$
$\vec B = \frac{{{E_0}}}{C}\hat k\,\sin \,\left( {kz} \right)\,\cos \,\left( {\omega t} \right)$
$\vec B = \frac{{{E_0}}}{C}\hat j\,\cos \,\left( {kz} \right)\,\sin \,\left( {\omega t} \right)$
$\vec B = \frac{{{E_0}}}{C}\hat j\,\sin \,\left( {kz} \right)\,\sin \,\left( {\omega t} \right)$
निर्वात् में विद्युत-चुम्बकीय तरंग का वेग होता है
यदि निर्वात में विद्युत चुम्बकीय तरंग की चाल $c$ है, तो $K$ परावैद्युतांक एवं ${\mu _r}$ आपेक्षिक चुम्बकशीलता वाले माध्यम में इसकी चाल होगी
यदि ${\varepsilon _o}$ व ${\mu _0}$ किसी मुक्त आकाश की क्रमश: विद्युतशीलता, चुम्बकीय पारगम्यता है तथा $\varepsilon $ व $\mu $ माध्यम में सापेक्ष राशियाँ हैं। माध्यम का अपवर्तनांक है
$15 \mathrm{~kW}$ शक्ति वाला विद्युत चुम्बकीय विकिरण का एक स्रोत प्रति सेकण्ड $10^{16}$ फोटोन उत्पन्न करता है, स्पेक्ट्रम के जिस भाग से विकिरण सम्बन्धित है, वह है:- (प्लाँक नियतांक $\mathrm{h}=6 \times 10^{-34} \mathrm{Js}$ )
एक समतल विद्युत चुम्बकीय तरंग की तीव्रता $6\ W/m^{2}$ है। यह तरंग $40 \,cm^{2}$ क्षेत्रफल वाले समतल दर्पण पर अभिलम्बवत् गिरती है। तरंग के द्वारा प्रति सैकण्ड दर्पण को स्थानान्तरित संवेग होगा